स्वतंत्रता दिवस: तिरंगा तो ठीक है पर देश के लिए क्या करते हैं कोहली?




बड़ी ख़ुशी होती है जब आप देखते हैं कि इंडिया (INDIA) ने T20 का वर्ल्ड कप (World Cup) जीता तो कप्तान Rohit Sharma (रोहित शर्मा) ने तिरंगा ही नहीं लहराहा बल्कि तिरंगे को बारबाडोस के मैदान पर गाड़ भी दिया। उसके बाद तिरंगे में अपने को लपेटे हो इंडिया के दो गोल्डन बॉयज़, Rohit Sharma (रोहित शर्मा) और Virat Kohli (विराट कोहली)। Virat Kohli (विराट कोहली) की तो तिरंगे में अपने को लपेटे हुए ना जाने कितनी फ़ोटो हैं। Virat Kohli (विराट कोहली) का Indian Independence Day (स्वतंत्रता दिवस) पर तो ये कितनी दिल को छू लेने वाला संदेश है। ख़ासकर इस लिये भी क्योंकि विराट के पिता Prem Kohli (प्रेम कोहली) की पैदाइश भी 15 अगस्त (15 August) की है। Virat Kohli (विराट कोहली) कह रहे हैं कि उन्हें Independence Day (स्वतंत्रता दिवस) इस लिये भी याद है क्योंकि इस दिन वो अपने दोस्तों के सात पतंग उड़ाया करते थे। ये देखिए Suryakumar Yadav (सूर्यकुमार यादव) को तिरंगा लहराते हुए। Gautam Gambhir (गौतम गंभीर) ये दिन देश के सैनिकों को समर्पित करते हैं। MS Dhoni (महेंद्र सिंह धोनी) तो सेना की इतनी इज़्ज़त करते हैं और बड़ी ख़ुशी से उन्होंने भारतीय सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल का पद स्वीकारा है। कश्मीर में उन्होंने सेना के साथ पेट्रोलिंग ड्यूटी भी की थी। यानी क्रिकेट के मैदान में भी भारत के सिपाही और बाहर भी। Yuvraj Singh (युवराज सिंह) का जोश तो देखिए जब वो कहते है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। Ravindra Jadeja (रविन्द्र जडेजा) हो गये। या Hardik Pandya (हार्दिक पांड्या)। देश का झंडा हाथ में हो तो खुश से फूले नहीं समाते। लेकिन आज हम आपको उन क्रिकेटरों के बारे में बताते हैं जो सिर्फ़ झंडा ही नहीं लहराते बल्कि देशवासियों की बड़ी सेवा भी करते हैं। Sachin Tendulkar (सचिन तेंदुलकर) एक अपनालय नाम की संस्था चलाते हैं जिसमें वो 300 बच्चे जिनको कैंसर है, उनकी मेडिकल हेल्प इसके ज़रिए करते हैं। इसके अलावा वो बच्चे जिनको पैसे या किसी और वजह से पढ़ाई के लिए सपोर्ट चाहिए, ऐसे 200 बच्चों को Sachin Tendulkar (सचिन तेंदुलकर) सहारा देते है। Yuvraj Singh (युवराज सिंह) ख़ुद भी कैंसर पेशेंट रहे हैं इसलिए उनकी एक संस्था यूविकेन है जो कैंसर के मरीज़ों की मदद करते हैं। Virat Kohli (विराट कोहली) अपने Virat Kohli (विराट कोहली) फाउंडेशन के ज़रिए लोगों की मदद करते हैं। और उन्होंने जानवरों की हिफ़ाज़त और उनकी सुरक्षा के लिए वो काफ़ी पैसे खर्च करते हैं। Gautam Gambhir (गौतम गंभीर) उन सैनिकों की जिनकी मृत्यु लड़ते हुए होती है उनके परिवार का, उनके बच्चों की सारी ज़िम्मेदारी उठाते हैं। वो एक ऐसी किचन चलते हैं जिसमें कोई भी भूखा नहीं जाता। Yusuf Pathan (युसुफ पठान) और Irfan Pathan (इरफ़ान पठान), ये दोनों भाई एक ऐसी संस्था चलाते हैं जो बाढ़ पीड़ितों की मदद करता है। साथ ही साथ ये संस्था बच्चों की पढ़ाई और कैंसर के मरीज़ों की भी मदद करता है। कहने को तो इन क्रिकेटरों के आलोचक ये भी कहते हैं कि ये सब कुछ टैक्स बचाने का तरीक़ा है। पर वो जो ऊपर वाला हैं वो सब कुछ जानता है। उसके पास सबका हिसाब होता है। अगर टैक्स बच भी रहा है और लोगों की मदद हो रही है, तो किसी के पेट में क्यों दर्द हो?